परमात्मा रक्षा करो

परमात्मा रक्षा करो
रक्षा करो रक्षा करो
मूर्ति तुम्हारी नहीं जानता
कैसे हो तुम मैं नहीं जानता
अगर तुम कहीं हो तो संकेत दो
मुझे कुछ ही करने का आदेश दो
मेरे लिए कुछ तो करो।।
सूरज औ चंदा में तेरी गति
हैं स्वासों में तेरी ही पुनरावृति
प्राणों में तेरा ही आभास है
तू ही धरा वायु आकाश है
यह जानने को ज्ञान दो।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है