अक्सर ये उजाले हमें गुमराह करे हैं।
ख़ुदग़र्ज़ हवाले हमें गुमराह करे हैं।।
भाई न बिरादर न हैं ये काफ़िले वाले
ये ख्वामख्वाह साले हमें गुमराह करे हैं।।
क़ातिल पे भरोसा हुआ जाता है सरीहन
जब चाहने वाले हमें गुमराह करे हैं।।
मत ढूंढिये मत खोजिये यूँ चटपटी खबरें
ये मिर्च-मसाले हमें गुमराह करे हैं।।
शफ्फाक लिबासों से ज़रा दूर रहा कर
दिल के यही काले हमें गुमराह करे हैं।।
गुमराह/भ्रमित, ख़ुदग़र्ज़/स्वार्थी
हवाले/सम्बन्ध, दृष्टान्त
ख़्वाहमखाह/जबरदस्ती, इच्छा के बग़ैर
सरीहन/जानबूझकर
शफ्फाकलिबास/ सफेदपोश, उजले वस्त्र धारी
सुरेश साहनी, कानपुर
9451545132
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