एहसासों के वीराने में किसकी राह निहार रहे हो।

कौन सुनेगा सूनेपन में किसको आज पुकार रहे हो।।

दुनिया ने कब देखा तुमको

दुनिया को क्या जाना तुमने

वो तुम पर कितना वारे है

उनको क्या पहचाना तुमने


आख़िर कुछ तो होगा उसमें

जिस पर तन मन वार रहे हो।।

जिस पर

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