कुएं में ही भाँग पड़ी है ।

कुएं में ही भाँग पड़ी है ।
सकल व्यवस्था गली-सड़ी हैं ।।
व्यापम की माया से तौबा
वरना सर पर मौत खड़ी है।।
सभी लीक पर हांफ रहे हैं
किसने नई राह पकड़ी है।।

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